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कोई मंज़िल नहीं मिलती तो ठहर जाते हैं,
अश्क आँखों में मुसाफ़िर की तरह आते हैं…
#किसान_आंदोलन_जारी_रहेगा #FarmersProtest #Shayari #बज्म #शायरांश https://t.co/3Fbaa4nZ4r
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Source by Baaghi®️
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