कभी दिमाग, कभी दिल
कभी नजर में रहो
ये सब तुम्हारे ही घर हैं
किसी भी घर में रहो।
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।
नशा जो चढ़ा मेरा उतार नही पाओगी,
मोहब्बत को कभी मेरी मार नही पाओगी,
आशिक मेरी जान फिर भी सुधर जाते हैं,
शायर जो बिगड़ा सुधार नही पाओगी।।
ये याद है तुम्हारी या यादों में तुम हो,
ये ख्वाब हैं तुम्हारे या ख्वाबों में तुम हो,
हम नही जानते हमें बस इतना बता दो,
हम जान हैं तुम्हारी या हमारी जान तुम हो।
ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,
सब फ़रेब के आईने हैं,
हाथों में तेरा हाथ होने से ही,
मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं।
अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है,
मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरी कलम भी,
प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।
वो मोहब्बत जो तुम्हारे दिल में है,
उसे जुबान पर लाओ और बयां कर दो,
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ,
हम बस सुने ऐसे बे-जुबान कर दो।
मेरे दिल को अगर तेरा एहसास नही होता,
तू दूर रहकर भी यूं मेरे पास नही होता,
इस दिल में तेरी चाहत ऐसे बसा ली है,
एक लम्हा भी तुझ बिन खास नही होता।
मीठी मीठी यादें पलकों पे सजा लेना,
एक साथ गुजारे पल को दिल में बसा लेना,
नजर न आऊं हकीकत में अगर,
मुस्कुराकर मुझे सपनो में बुला लेना।
दिल उदास हो तो बात कर लेना,
दिल चाहे तो मुलाकात कर लेना,
हम रहते हैं आपके दिल में,
वक्त मिले तो तलाश कर लेना।।