Shayri.page Team
September 2022
होती नहीं है मोहब्बत सूरत से, मोहब्बत तो दिल से होती है, सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी, कदर जिनकी दिल में होती है।
वादे वफ़ा करके क्यों मुकर जाते हैं लोग, किसी के दिल को क्यों तड़पाते हैं लोग, अगर दिल लगाकर निभा नहीं सकते, तो फिर क्यों दिल लगाते हैं लोग।
ताबीर जो मिल तो एक ख्वाब बहुत था, जो शख्स गवा बैठे वो नायाव बहुत था, मैं कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को, दरिया-ए-मोहब्बत में शैलाब बहुत था
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए, महसूस हुआ तब जब वो जुदा हुए, करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो, पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए।
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है, बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है, किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो, पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।
ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से, इश्क में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा, टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथो से, किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पयेगा।
पास आ जरा दिल की बात बताऊँ तुझको, कैसे धड़कता है दिल आवाज़ सुनाऊं तुझको। आकर तू देख ले दिल पे लिखा है नाम तेरा, अगर कहे तो दिल चीर के दिखाऊ तुझको।
नजरें मिला कर किया दिल को ज़ख़्मी, अदाएं दिखा कर सितम ढहा रहे हो, वफाओं का मेरी खूब सिला दिया है, तड़पता हुआ छोड़ कर जा रहे हो।
नजरें मिला कर किया दिल को ज़ख़्मी, अदाएं दिखा कर सितम ढहा रहे हो, वफाओं का मेरी खूब सिला दिया है, तड़पता हुआ छोड़ कर जा रहे हो।
इस दिल की सरहद को पार न करना, नाज़ुक है मेरा दिल इस पर वार न करना, खुद से बढ़कर भरोसा किया है तुम पर, इस भरोसे को तुम बेकार न करना।
जीने के लिए तुम्हारी याद ही काफी है, इस दिल में बस अब तुम ही बाकी हो, आप तो भूल गए हो हमें अपने दिल से, लेकिन हमें आज भी तुम्हारी तालाश बाकी है।