ऋतु-सन्धि-युगधारा -नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun
ऋतु-सन्धि-युगधारा -नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun प्रतीक्षा की बहुत जोहा बाट जेठ बीता, हुई वर्षा नहीं, नभ यों ही रहा खल्वाट आज है आधाढ़ वदि षष्ठी उठा था जोर का तूफान उसके बाद सघन काली घन घटा से हो रहा आच्छन्न यह आकाश आज होगी, सजनि, वर्षा-हो रहा विश्वास हो रही …