होली की पूर्णिम संध्या पर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

होली की पूर्णिम संध्या पर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh होली की पूर्णिम संध्या पर आज मेरा एकाकी मन, मुखरित हुआ है ऐसे जैसे राधा ने पाया मोहन सपनों में बसने वाले ने धूम मचाई हैं नयनन, बरसाने में खेली जैसे राधा होली संग किशन गाल गुलाल से लाल हुए हैं सतरंगों …

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 कहाँ छिपे चितचोर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

कहाँ छिपे चितचोर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh बदरा गरजे चपला चमके नभ छाई घटा घनघोर रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे स्मृतियों का जोर अंधियारे में डूबी दिशाएं मन डरपत जैसे चोर दूर दूर तक बाट न सूझे ढूँढूँ कहाँ किस ओर छुपे पखेरू सूना जंगल बन मोर मचाए शोर चौपाए सब खड़े …

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दीदी गौरैया-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

दीदी गौरैया-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh यह भोली भाली गौरैय्या कितनी है ये प्यारी मैय्या नित्य सुबह यह हमें जगाती निज चहकन में विहग सुनाती इसे वाटिका नहीं है भाती क्योंकि इसके हम हैं साथी तिनका तिनका चुनकर लाती घर ही में घोंसला बनाती जब हम रोते तब चुप रहती जब …

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अमर मधुशाला-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

अमर मधुशाला-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh अमर हो गया पीनेवाला हुयी अमर वह मधुशाला अमर हो गयी अंगूरी वह हुयी अमर मधु की हाला सुरा सुराही अमर हो गये किस्मत की खूबी देखो अमर हो गयी मादक साकी हुयी अमर साकीबाला।।१।। अमर हो गया नाज दिखाता वह छोटा मधु का प्याला …

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 जीवन-दाता-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

जीवन-दाता-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh स्वीकारो यह नमन हमारा जीवन के दाता परम पूज्य है आप हमारे आप ही भाग्य विधाता प्रेम सिंधु जो छिपा आप में हमें देख हरसाता आँसू बन नयनों से हम पर सदा प्रेम बरसाता आशीर्वचन आपका नित ही पथ प्रशस्त है करता जीवन के इस नंदनवन …

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नव वर्ष का स्वागत करें-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

नव वर्ष का स्वागत करें-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh आओ मिलकर हम सभी नव वर्ष का स्वागत करें नव वर्ष का स्वागत करें संकल्प नव धारण करें नव वर्ष की नव चेतना से शक्ति नव अर्जित करें भारत के नवनिर्माण का जिससे कि प्रण पूरा करें ज्ञान और विज्ञान को इस …

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नव वर्ष के हे सृजनहार-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

नव वर्ष के हे सृजनहार-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh नव वर्ष के हे सृजनहार कीजिए मेरी कल्पना को इतना सजग कि मेरी कल्पना की ऊँची उड़ान खुले आकाश की ऊँचाई नाप सके नव वर्ष के हे नवोदित नव प्रभाकर कीजिए मेरे मन को इतना उजागर कि मेरे ईद गिर्द छाया अंधेरा …

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सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh

सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh नव वर्ष के हे सृजनहार-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh  नव वर्ष का स्वागत करें-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh   जीवन-दाता-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh   कहाँ छिपे चितचोर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh  …

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आ गया पावन दशहरा-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

आ गया पावन दशहरा-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh फिर हमें संदेश देने आ गया पावन दशहरा तम संकटों का हो घनेरा हो न आकुल मन ये तेरा संकटों के तम छटेंगें होगा फिर सुंदर सवेरा धैर्य का तू ले सहारा द्वेष हो कितना भी गहरा हो न कलुषित मन यह तेरा …

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आओ ज्योति-पर्व मनाएँ-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh 

आओ ज्योति-पर्व मनाएँ-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh प्रेम दीप घट-घट में जगाकर जन मन तिमिर मिटाएँ बाती बुझ गई जो आशा की फिर से उसे जगाएँ बिछड़ी सजनी को हम उसके साजन संग मिलाएँ आओ ज्योति-पर्व मनाएँ जगमग-जगमग दीप की माला ऐसा भाव जगाए नभ मंडल के तारांगण ज्यों उतर धरा …

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