होली की पूर्णिम संध्या पर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh
होली की पूर्णिम संध्या पर-सत्यनारायण सिंह -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Satyanarayan Singh होली की पूर्णिम संध्या पर आज मेरा एकाकी मन, मुखरित हुआ है ऐसे जैसे राधा ने पाया मोहन सपनों में बसने वाले ने धूम मचाई हैं नयनन, बरसाने में खेली जैसे राधा होली संग किशन गाल गुलाल से लाल हुए हैं सतरंगों …