पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita -पद्मा सचदेव  मेरी कविता मेरे गीत : पद्मा सचदेव

पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita -पद्मा सचदेव  मेरी कविता मेरे गीत : पद्मा सचदेव मेरी कविता मेरे गीत -पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita -पद्मा सचदेव  मेरी कविता मेरे गीत : पद्मा सचदेव (Download pdf) तेरी बातें ही सुनाने आए (रुबाइयाँ)-तेरी बातें ही सुनाने आए (रुबाइयाँ)(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi …

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मेरी कविता मेरे गीत -पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita -पद्मा सचदेव  मेरी कविता मेरे गीत : पद्मा सचदेव (Download pdf)

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तेरी बातें ही सुनाने आए (रुबाइयाँ)-तेरी बातें ही सुनाने आए (रुबाइयाँ)(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

तेरी बातें ही सुनाने आए (रुबाइयाँ)-तेरी बातें ही सुनाने आए (रुबाइयाँ)(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) आये हैं पहाड़ जान आ गयी देह में सुख मीठा-मीठा भर गयी थक गयी है ज़िंदगी देते हिसाब बीजों की तरह थे बिखरे घर कई आज न आयी तो कल रखो …

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ये राजा के महले क्या आपके हैं?-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

ये राजा के महले क्या आपके हैं?-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) ये राजा के महले क्या आपके हैं? मैं घर से बेघर हो चुकी हूँ मेरी आँखों की ज्योति छिन चुकी है मुझे अंधी करके जो फेंक गए हैं मेरे बागीचे से जो …

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गीत-भगवान्‌ मुझे, गर्मी का मौसम दो-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

गीत-भगवान्‌ मुझे, गर्मी का मौसम दो-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) भगवान्‌ मुझे, गर्मी का मौसम दो, दु:ख सुख दो परन्तु मैके से हमेशा मुझे ठंडी हवा आए सुख का संदेशा आवे कोई उड़ता पक्षी कभी मेरे घर के ऊपर से गुजरे या कोई …

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माँ की पहचान-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

माँ की पहचान-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) यदि वह किसी को देखकर हंसती है तो तेरे होंठ अपने-आप खुल जाते हैं अगर वह किसी को देखकर गुस्सा होती हैं तो तेरे आँसू अनायास ही ढुलक पड़ते हैं अगर वह खटोले पर बैठी दिखाई …

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डोली-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

डोली-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) अंधेरा पहाड़ी के ऊपर सहम-सहम कर चढ़ रहा है पर्वतों की चोटियों पर चाँद का प्रकाश छन-छन कर आ रहा है पहरा देते वृक्ष सुबह होने की प्रतीक्षा में हैं इस जगह का सुनसान वातावरण किसी आशा में …

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काश-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

काश-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) जो मैं किसी अंधेरे वन के एक कोने में भुर्जी होती जो मैं उतनी धरती होती जितनी पर प्रियतम तुम चलते घास बनूं उग जाऊं तेरे सारे जूठे वरतन मल दूं मार-पीटकर कोई मानव मुझे बनाए कागज कोरा …

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सखि वे दिन कैसे थे !-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

सखि वे दिन कैसे थे !-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) सखि वे दिन कैसे थे, वह वक्‍त कैसा वक्‍त था जब कड़वी बात न किसी को कही थी न सुनी थी चिन्ता चिता के समान न थी चिन्ता के विषय में कुछ पता …

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भादों-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) 

भादों-मेरी कविता मेरे गीत(डोगरी कविता)-पद्मा सचदेव-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Padma Sachdev(अनुवादिका: पद्मा सचदेव) भादों ने गुस्से में आाकर जब खिड़कियाँ तोड़ीं तब मुझे यों लगा जैसे कोई आया है । सावन की बौछारें भरी दुपहरी में चलकर आईं मिट्टी की पूरी दीवार गीली हो गई दीवार पर पूता मकील (स्फेद मिट्टी) …

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