सूरज रे जलते रहना-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

सूरज रे जलते रहना-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep जगत भर की रोशनी के लिये करोड़ों की ज़िंदगी के लिये सूरज रे जलते रहना सूरज रे जलते रहना … जगत कल्याण की खातिर तू जन्मा है तू जग के वास्ते हर दुःख उठा रे भले ही अंग तेरा भस्म हो …

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भारत के लिए भगवन का एक वरदान है गंगा -गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

भारत के लिए भगवन का एक वरदान है गंगा -गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep   भारत के लिए भगवन का एक वरदान है गंगा सच पूछो तो इस देश की पहचान है गंगा हर हर गंगे ………….. गिरिराज हिमालय की बेटी ये महान है गंगा भारत माता के मस्तक का …

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एक क़र्ज़ मांगता हूँ बचपन उधार दे दो-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

एक क़र्ज़ मांगता हूँ बचपन उधार दे दो-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep किस बाग़ में मैं जन्मा खेला मेरा रोम रोम ये जानता है तुम भूल गए शायद माली पर फूल तुम्हे पहचानता है जो दिया था तुमने एक दिन मुझे फिर वो प्यार दे दो एक क़र्ज़ मांगता …

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मैं एक नन्हा सा मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

मैं एक नन्हा सा मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep मैं एक नन्हा सा मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ तुम हो बड़े बलवान प्रभु जी मेरी लाज रखो मैं एक नन्हा सा मैंने सुना है तुमने यहाँ पे लाखों के दुःख टाले मेरा दुःख …

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अरे ओ रौशनी वालो-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

अरे ओ रौशनी वालो-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम जिधर भी देखूं मैं अंधकार अंधकार अँधेरे में जो बैठे हैं नज़र उन पर भी कुछ डालो अरे ओ रौशनी वालो बुरे इतने नहीं हैं हम जरा देखो हमे भालो अरे ओ रौशनी वालो कफ़न से ढँक …

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हम तो अलबेले मज़दूर-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

हम तो अलबेले मज़दूर-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep हम तो अलबेले मज़दूर गज़ब हमारी जादूगरी जादूगरी भाई जादूगरी गज़ब हमारी जादूगरी हम तो अलबेले मज़दूर गज़ब हमारी जादूगरी कहो तो फ़ौरन महल बना दें पास में बढ़िया बाग़ लगा दें जहाँ पे छम-छम नाचे सलोनी कोई छबीली परी राम …

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मेरे मन हँसते हुए चल-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

मेरे मन हँसते हुए चल-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep आज नहीं तो कल बिखर जायेंगे ये बादल हँसते हुए चल मेरे मन हँसते हुए चल बीती हुई बातों पे बीती हुई बातों पे अब रोने से क्या फल हँसते हुए चल मेरे मन हँसते हुए चल गुज़र चुका है …

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अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ मंथन का अधिकार है सबको फल प्रभु तेरे हाथ तेरे फूलों से भी प्यार तेरे काँटों से भी प्यार जो भी देना चाहे देदे करतार दुनिया के …

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हमने जग की अजब तस्वीर देखी-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

हमने जग की अजब तस्वीर देखी-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep हमने जग की अजब तस्वीर देखी एक हँसता है दस रोते हैं ये प्रभु की अद्भुत जागीर देखी एक हँसता है दस रोते हैं हमे हँसते मुखड़े चार मिले दुखियारे चेहरे हज़ार मिले यहाँ सुख से सौ गुनी पीड़ …

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देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान्-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep

देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान्-गीत-कवि प्रदीप-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kavi Pradeep देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान् कितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसान सूरज न बदला चाँद न बदला न बदला रे आसमान कितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसान राम …

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