कविता-हरजीत सिंह तुकतुक -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harjeet Singh Tuktuk Part 2
कविता-हरजीत सिंह तुकतुक -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harjeet Singh Tuktuk Part 2 श्रृंगार रस एक़ बार हम मन्च पर खडे कविता सुना रहे थे। श्रोता श्रृंगार रस में डूबे जा रहे थे। हमारे कंठ से कविता कामिनी बही जा रही थी। परन्तु हमारी नज़र पहली पंक्ति से आगे नहीं बढ़ पा रही …