गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

होली-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel तुम्हारे संतान सदैव सुखी रहें-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel हिंदी के ठेकेदार-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel माँ-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel रणभेरी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi …

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होली-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

होली-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   फाल्गुनी लोरी की लय में होरी सुना रही है आँगन में बन रही है रंगोली खुब उड़ रही है रोरी चेहरे पर अबीर ही अबीर है रूप में रंग ही रंग एक बोली होली गाती थी होली गाना सिर्फ़ उसी को ही आता …

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तुम्हारे संतान सदैव सुखी रहें-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

तुम्हारे संतान सदैव सुखी रहें-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   (प्रथम खंड) सभ्यता और संस्कृति के समन्वित सड़क पर निकल पड़ा हूँ शोध के लिए झाड़ियों से छिल गयी है देह थक गये हैं पाँव कुछ पहाड़ों को पार कर सफर में ठहरी है आत्मा बोध के लिए बरगद …

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हिंदी के ठेकेदार-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

हिंदी के ठेकेदार-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   हिंदी के ठेकेदार साहब हिंदी पढ़ रहे हो हिंदी पढ़ा रहे हो हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी दिवस पर खुब भाषण दे रहे हो दीजिए , हम सुन रहे हैं और गुन रहे हैं कि आप अपने वाल पर क्यों …

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माँ-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

माँ-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   (“अनुप्रास अलंकार’ में : ‘म’ से ‘माँ”) मैं मुख मन्थन मधु! मधुर मंगल मृदुल माँ! महान महन्त मातृत्व महिमा! मुख्य मग मार्गदर्शक महान! मानव मेरी महत्व मान! मुझसे मोह माया मुक्ति! मंजिल मजहब मोहब्बत मस्ती मिलता मनोहर मजेदार ममता! मनुष्य मानो मूझे महकता! …

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रणभेरी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

रणभेरी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   गूँज उठी रणभेरी काशी कब से खड़ी पुकार रही पत्रकार निज कर में कलम पकड़ो गंगा की आवाज़ हुई स्वच्छ रहो और रहने दो आओ तुम भी स्वच्छता अभियान से जुड़ो न करो देरी गूँज उठी रणभेरी घाटवॉक के फक्कड़ प्रेमी तानाबाना की …

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घिरनी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

घिरनी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   फोन पर शहर की काकी ने कहा है कल से कल में पानी नहीं आ रहा है उनके यहाँ अम्माँ! आँखों का पानी सूख गया है भरकुंडी में है कीचड़ खाली बाल्टी रो रही है जगत पर असहाय पड़ी डोरी क्या करे? आह! …

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गुढ़ी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

गुढ़ी-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   लौनी गेहूँ का हो या धान का बोझा बाँधने के लिए – गुढ़ी बूढ़ी ही पुरवाती है बहू बाँकी से ऐंठती है पुवाल और पीड़ा उसकी कलाई !  

थ्रेसर-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

थ्रेसर-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   थ्रेसर में कटा मजदूर का दायाँ हाथ देखकर ट्रैक्टर का मालिक मौन है और अन्यात्मा दुखी उसके साथियों की संवेदना समझा रही है किसान को कि रक्त तो भूसा सोख गया है किंतु गेहूँ में हड्डियों के बुरादे और माँस के लोथड़े साफ …

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बुद्ध के रंग में रंगें हम-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel

बुद्ध के रंग में रंगें हम-कविताएँ-गोलेन्द्र पटेल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Golendra Patel   अकुशल द्वेष ईर्ष्या घृणा गर्व है गोली त्याग चतुष्टय-दोष, बोलो मीठी बोली बुद्ध वचन से भरे, तुम्हारी ज्ञान-झोली संग रंगमंच पर झूमी-झूमी नाचे टोली भक्तिरस में भींगी, करें हँसी-ठिठोली उमंग-तरंग और रंगों का पर्व है होली।