उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal कुछ अशआर-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal तेरी याद आई है साजों-समान के साथ-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal मुझसे दिल लगा बैठी, पागल लड़की-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem …

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कुछ अशआर-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

कुछ अशआर-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal मैं तुम से दिल की बात कहने वाला था पर उससे पहले मैंने वो अंगूठी देख ली तकते उसे टुकुर-टुकुर, भूल गए ये बात व्याह वास्ते ये बबुआ, मिलन चाहिए जात  

तेरी याद आई है साजों-समान के साथ-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

तेरी याद आई है साजों-समान के साथ-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   तेरी याद आई है साजों-समान के साथ कुछ दिन रहेगी अब इत्मीनान के साथ कोई घायल होगा या मरेगा ज़रूर रहेगा कब तलक तीर-कमान के साथ उसके घर का शज़र सब जानता है मिलते कैसे थे …

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मुझसे दिल लगा बैठी, पागल लड़की-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

मुझसे दिल लगा बैठी, पागल लड़की-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   मुझसे दिल लगा बैठी, पागल लड़की दर्द-ए-दिल बढ़ा बैठी, पागल लड़की उसकी आँखों में जादू-मंतर है सब का सब भूला बैठी, पागल लड़की छिपकली से डरने वाली होकर भी इश्क़ का भूत चढ़ा बैठी, पागल लड़की मैंने …

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घर की बात जब तक घर में रहती है-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

घर की बात जब तक घर में रहती है-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   घर की बात जब तक घर में रहती है इज़्ज़त तब तक पुरे शहर में रहती है तुमसे मिलकर जाने क्या रोग लगा बस तेरी तस्वीर नज़र में रहती है अच्छी चिजों पर कब …

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गुलाब कैसे आ गया तलवार के म्यान में-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

गुलाब कैसे आ गया तलवार के म्यान में-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   गुलाब कैसे आ गया तलवार के म्यान में कोई तो शायर नहीं रहा मेरे खानदान में उसी के जीत या हार के किस्से हुए मशहूर जो आख़िरी दम तक डटा रहा मैदान में वो बात …

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हम तुम्हें मिलेंगे कुछ सवालात लेकर-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

हम तुम्हें मिलेंगे कुछ सवालात लेकर-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   हम तुम्हें मिलेंगे कुछ सवालात लेकर जब तुम पड़े होगे गम-ए-हयात लेकर तुम्हारी मंजूरी जो मिल गयी होती आ जाते तुम्हारे घर हम बारात लेकर इतनी नादान अब क्यों बनती हो तुम्हीं आई थी रंगीन ख़्यालात लेकर …

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मुझे तो तेरे घर का पता मालूम है-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

मुझे तो तेरे घर का पता मालूम है-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   मुझे तो तेरे घर का पता मालूम है फ़िर क्यों लगता हर रस्ता गुम है जो छोड़ गई चिरइया घोंसला पेड़ तब से रहता बड़ा गुमसुम है मैंने उन रिश्तों से तौबा कर लिया जिनकी …

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इस जग के उल्फ़त निभाया न करें-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

इस जग के उल्फ़त निभाया न करें-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   इस जग के उल्फ़त निभाया न करें किसी को नाम का अपना बनाया न करें मेरे चेहरे से जब नफ़रत है आपकों फ़िर ख़ामख़ा ख्वाबों में आया न करें छत पे दीवार तो उठा ली आपने …

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रो-रही है तन्हा माँ, किसको दर्द बताय-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal

रो-रही है तन्हा माँ, किसको दर्द बताय-उत्साही उज्जवल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Utsahi Ujjwal   रो-रही है तन्हा माँ, किसको दर्द बताय बेटा ले बीवी चला, माँ कहाँ को जाय सब के सब ढोंगी यहाँ, कौन ये राज बताय देखकर सुंदर बाला, सब का मन ललचाय