कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1

कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1   हम मिट्टी के गर्भ में, सीने के हाड़ तले तमाम अँधेरा लबालब भर जाने पर तमाम काली रातें, तमाम दुःख और संताप की आँच उफन पड़ने पर एक धान अँकुराता है, एक शब्द से अर्थ फूटता है हरा पत्ता बोल …

Read more

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1   जाड़े की साँझ शंख, तरह-तरह की सीपियाँ बेचते बच्चे, सब को अपने अथाह भण्डार की थाती बखानता चनाचूर वाला, स्मृतियों में डूबते-उतराते पके आम-से कई बूढ़े, एक-दूसरे में खोये नव-दम्पती हँसते-खेलते झुण्ड के झुण्ड कॉलेज-छात्र सभी जा चुके हैं जिसे …

Read more

कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3

कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3   दिन यह खिलखिलाकर हँसता मुखरित होता सबेरा, यह दिन अब धीरे-धीरे सुरझा जाएगा, झर जाएगा अँधेरे की गोद में जैसे हर दिन मुरझा जाता है, झर जाता है बह जाएगा, जहाँ बह जाता है हर दिन। उसके बाद रात में …

Read more

कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2   अनामिका घनघोर अँधेरे में स्तब्ध, मूक पर्वत की कमर में एक आर्त स्वर “ले गया”, “ले गया” गूंज उठा और पसर गया समुद्र की लहर बन आदिगंत चौदह भुवन को पाट गया, व्याप्त हो गया पछाड़ खाकर रोया, उजड़ा, उजाड़ा …

Read more

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3   पुनर्जन्म कल रात बारिश हो रही थी कमरे की खिड़की खुली रख वह आदमी एकाकी अँधेरे में बारिश देख रहा था। सामने बगीचे के पेड़-पौधे घनघोर बारिश में भीगे खड़े काँप रहे थे रह-रहकर बेसब्र बिजली की चमक में दिख …

Read more

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2 कविता, फिर एक बार किसी को कभी बचा नहीं पायी कविता बारूद से, विस्फोट से भाले की नोक से, बन्दूक से अग्नि से, असूया से पत्थर से, पश्चात्ताप से शेर के मुँह से या सामूहिक हिंसा से । जानता हूँ शब्दों …

Read more

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4 शरद् साफ कर रहा है शरद् युद्धक्षेत्र का मटमैला पानी समाप्त हो गया है युद्ध समाप्त हो गया है मन्त्रपाठ हो चुका है महिषासुर-वध देवी की मर्त्य देह, मिट्टी-पुआल का ढाँचा पड़ा है नदी-किनारे धूप में शान्ति-समझौते के स्वर मँडरा रहे …

Read more

सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra

सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4 कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1 कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2 कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत …

Read more

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2   घासफूल वे जिद्द पर अड़ गए निश्चित ही यह झूठी कहानी यह खबर प्रकाशित नहीं हुई किसी भी अखबार में कैसे घट सकती है ऐसी अघट्य घटना ? फूल कभी खिल सकते हैं बिन सभा, तालियों की गड़गड़ाहट, उदघाटन पत्रकार-सम्मेलन और संवाद-संबोधन के …

Read more

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3 नियमगिरि, खाम्बसी गाँव की चौरासी वर्षीय बूढ़ी की अनकही कहानी 1. ये जितने लंबे- लंबे पेड़ ये जितने लंबे- लंबे पेड़ ये जंगल , ये पहाड़ सात पुश्तों से, अति पवित्र ! देखने मात्र से घट जाती है भूख उधर बंगा है बुरूबंगा साथ …

Read more