कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1
कविता संग्रह-वर्षा की सुबह-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1 हम मिट्टी के गर्भ में, सीने के हाड़ तले तमाम अँधेरा लबालब भर जाने पर तमाम काली रातें, तमाम दुःख और संताप की आँच उफन पड़ने पर एक धान अँकुराता है, एक शब्द से अर्थ फूटता है हरा पत्ता बोल …