कुण्डलियां-साधना ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sadhana Thakurela Part 1
कुण्डलियां-साधना ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sadhana Thakurela Part 1 चढ़ती चींटी सर्वदा चढ़ती चींटी सर्वदा, अनथक करे प्रयास । ले जाती है शीर्ष तक, बस मंजिल की आस ।। बस मंजिल की आस, सदा श्रम करती जाती । हो जाता श्रम साध्य, और मंजिल को पाती । कहे ‘साधना’ सत्य, लगन ही आगे …