यह सबब है जो हमारी वो खबर रखते नहीं-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil
यह सबब है जो हमारी वो खबर रखते नहीं-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil यह सबब है जो हमारी वो खबर रखते नहीं, बेअसर नाले हैं कुछ ऐसा असर रखते नहीं। ख़ान:-ए-सय्याद से उड़कर, चमन तक जाएं क्या, हम तो अपने बाजुओं में बालो-पर रखते नहीं। सर हथेली पर लिए …