उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla जागो जागो बुंदेलखंड जागो-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla  गुम है तेज बुंदेलखंड का-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla हिंदुस्तान-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla …

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जागो जागो बुंदेलखंड जागो-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

जागो जागो बुंदेलखंड जागो-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla जागो जागो बुंदेलखंड जागो जागो जागो बुंदेली युवा जागो हाथ दोनों उठाके राज मांगो बदलो तदवीर से अपनी किस्मत छोड़ दो मौन रहने की आदत गरजना करके हक अपने मांगो जागो जागो बुंदेलखंड जागो जागो जागो बुंदेली युवा जागो आजादी …

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 गुम है तेज बुंदेलखंड का-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

गुम है तेज बुंदेलखंड का-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla गुम है तेज बुंदेलखंड का युवा बने हैं घनचक्कर नेता अफसर काटें मलाई. युवा डोलते दर ब दर रोज लुट रही खनिज संपदा पर शासन है मुंह फेरे ट्रक. ट्रैक्टर से लैस लुटेरे मारे फेरे पर फेरे कैसे हो …

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हिंदुस्तान-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

हिंदुस्तान-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla धन्य धन्य हो पांव पखारे जिसके विस्तृत सागर जिसकी माटी में रमने को आतुर रहे नटनागर बारी बारी आ देवों ने डेरा यहां जमाया जिनकी यश गाथा को ऋषियों मुनियों ने है गाया राम. कृष्ण और महादेव भी जिसके रहे दीवाने चार वेदों …

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नफरत-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

नफरत-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla नफरत के शोले वे भड़काए जा रहे हैं हर बात को बतंगड़ बनाए जा रहे हैं बोएंगे जिस फसल को उसे काटना भी होगा सोचे बिना इस सत्य वो जहर बोए जा रहे हैं सियासत की चालें देख हैरान है जमाना बिन ताल …

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भेड़ि़ये-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

भेड़ि़ये-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla मानव वेश में घूम रहे भेड़िये चहुं ओर कैसे मानवता बचे इसी प्रश्न का शोर आबादी की दृष्टि से पुलिस बहुत है कम रक्तबीज से बढ़ रहे पापी नराधम आधी दुनिया हैरान है नित सुनकर अपराध जन.जन की है चाह यही जीवन हो …

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देश हमारा-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

देश हमारा-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla करवट बदल रहा है अब देश भी हमारा जो नाग थे वे अब बिल में सुनसान है नजारा जन्नत को जो कभी दोजख में बदलते रहे हैं देखो अब उनकी आंखों से आंसू छलक रहे हैं बारूद की जो धमकी कल तक …

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जिंदगी का सफर-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

जिंदगी का सफर-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla जिंदगी का सफर कोई भूल जाए ये हो नहीं सकता. ऐसा शिला है जो कभी गुम हो नहीं सकता. भूलने का प्रपंच रचते हैं वो लोग जिनकी दास्तां में कुछ अच्छा हो नहीं सकता जिंदगी के पड़ावों पर मिलते हैं कुछ …

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दर्द-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

दर्द-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla अब्र ए दर्द जब दिल पर घुमड़ आते हैं. लाख रोके कोई पलकों को नम कर जाते हैं. बहुत मुश्किल है दीवार ए सब्र को महफूज रखना. दर्द बेइंतहा हो तो कांच से बिखर जाते हैं. बहुत सोचा कि दिल की बात दिल …

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छवि-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla

छवि-उमेश शुक्ल -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Shukla दिल में इतराती हुई लहरों से उपजती है छवि इसी हलचल को बयां करते हैं लफ्जों से कवि वो जब जब याद की दरिया में डूब जाते हैं आईना देखने पर उनको महबूब नजर आते हैं…