उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich 2

उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich 2 तो जनाब मरना पड़ेगा-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich तेरी यादों का धाम लिये मन-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich धाम धाम में बसे (राम गीत)-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता …

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उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich  इश्क़ को इश्क़ सा हम समझते रहे-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich बस तुम मिल जाओ ना-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich उनका पैगाम आया है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi …

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तो जनाब मरना पड़ेगा-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

तो जनाब मरना पड़ेगा-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich इश्क़ किया है, तो जनाब मरना होगा कमाल है अब जीने से भी डरना होगा उमर बीत जानी है सोचकर दरख़्त की पत्तों को तो हर साल ही झड़ना होगा बड़ा ही बेरहम होगा ये सफर मेरी जां प्यास को …

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तेरी यादों का धाम लिये मन-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

तेरी यादों का धाम लिये मन-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich तेरी यादों का एक पावन धाम लिये फिरता है मन बैरागी जीवन जीकर सब तेरे नाम किये फिरता है मन । अश्रुधारा में बहकर तन चन्दन नित ही घिसता है प्रेम की माला भज एक पागल प्रेमी भीतर …

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धाम धाम में बसे (राम गीत)-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

धाम धाम में बसे (राम गीत)-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich धाम-धाम में बसे, वो ‘धाम’ फिर गये कहां जग है सारा राम का तो राम फिर गये कहां पूछता वचन अधूरा वो पिता की आस से पूछता है सुना घर, भाई को छूटते साथ से पूछता है पाषाण, …

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लब्ज़ चीखते हैं, कागज़ रोता है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

लब्ज़ चीखते हैं, कागज़ रोता है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich लब्ज़ चीखते है,कागज़ तन्हा रोता है देख मेरे साथ रोज़ क्या क्या होता है चांद बुझता है, रात मातम मनाती है मेरे मरने का जश्न हर गज़ल होता है नींद हैरान है, आंखों में धुआं होता है जलते …

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मन के मन्दिर में तुम रहना-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

मन के मन्दिर में तुम रहना-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich मन के मन्दिर में तुम रहना जिसको पूजा वो मूरत बनना एक नया गीत हम सुनायेंगे जो लिख ना पाये थे वो गाएंगे तुम भी गाना छोड़ सारी बन्दिशें बिखरी सांसो को हम सजायेंगे धड़कनों के स्वर में …

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एक शक्स अक्सर सुनाई देता है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

एक शक्स अक्सर सुनाई देता है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich एक शक्स अकसर गज़लों में सुनाई देता है कभी आइनों, कभी आंखों में दिखाई देता है याद का परिंदा रोज़ आ बैठता है मेरी छत लगता है पिंजरा उसे खुद ही रिहाई देता है शोक मनाता हूं रोज़ …

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देख तेरे बिन शहर में क्या क्या चल रहा है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

देख तेरे बिन शहर में क्या क्या चल रहा है-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich देख तेरे बिन शहर मे, ये क्या क्या चल रहा है सांसे थम गयी हैं और एक कारवां चल रहा है बेबादल है आसमां, तो फिर क्या बरस रहा है रो रहा है कोई …

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एक शक्स को गज़ल बनते देखा है मैंने-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich

एक शक्स को गज़ल बनते देखा है मैंने-उमेश दाधीच -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Umesh Dadhich एक शक्स को गज़ल बनते देखा है मैंने जख्म को लब्जों में बदलते देखा है मैंने खामोश लबों का शोर सुनाना था शायद उस दर्द को स्याही में ढलते देखा है मैंने हिज्र में जलना कोई …

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