प्यासा दिन-तूस की आग-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra
प्यासा दिन-तूस की आग-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra खाली कासा लेकर आयेगा कल का प्यासा दिन हर दिन की तरह सूनी-सूनी आंखों देखकर उसे रह जाता हूं हर दिन उदास और एकरस किसी जलाशय की तरह हर दिन सह जाता हूं उसकी प्यास मेरी तरंगें तो उसे उठकर भर …