Tehzeeb Hafi-Ghazals Part 5

Tehzeeb Hafi-Ghazals Part 5 अश्क ज़ाएअ’ हो रहे थे देख कर रोता न था अश्क ज़ाएअ’ हो रहे थे देख कर रोता न था जिस जगह बनता था रोना मैं उधर रोता न था सिर्फ़ तेरी चुप ने मेरे गाल गीले कर दिए मैं तो वो हूँ जो किसी की मौत पर रोता न था …

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