Tehzeeb Hafi-Ghazals Part 2
Tehzeeb Hafi-Ghazals Part 2 तेरी तरफ़ मेरा ख़याल क्या गया तेरी तरफ़ मेरा ख़याल क्या गया के फिर मैं तुझको सोचता चला गया ये शहर बन रहा था मेरे सामने ये गीत मेरे सामने लिखा गया ये वस्ल सारी उम्र पर मुहीत है ये हिज्र एक रात में समा गया मुझे किसी की आस थी …