कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1
कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1 जाड़े की साँझ शंख, तरह-तरह की सीपियाँ बेचते बच्चे, सब को अपने अथाह भण्डार की थाती बखानता चनाचूर वाला, स्मृतियों में डूबते-उतराते पके आम-से कई बूढ़े, एक-दूसरे में खोये नव-दम्पती हँसते-खेलते झुण्ड के झुण्ड कॉलेज-छात्र सभी जा चुके हैं जिसे …