सुब्रह्मण्य भारती -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Subramania Bharati Part 1
सुब्रह्मण्य भारती -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Subramania Bharati Part 1 जय भारत कभी बुद्धिमत्ता से अपनी जीते थे शत देश महान विजित बहादुर उन देशों के करते थे तेरा जय-गान कभी धीरता गरिमा और शौर्य भी धर्म निज खो बैठी हो फिर भी धर्म अटल जननी जय हो, तेरी सदैव जय हो॥१॥ रचना हुई …