वसंत को आने दो-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu  

कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu वसंत को आने दो न रोको मैन के तारों को बावरे मन को गाने दो आज फिर चटकी हैं कलियाँ आज वसंत को आने दो।। आज फिर हर्षित मन जागा भ्रमर फूल की ओर फिर भागा नई खुशी में नए रंग में मन को फिर …

Read more

सरस्वती वंदना-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu  

कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu सरस्वती वंदना भाल हो ऊँचा सदा और श्रीचरणों में स्थान दो वाग वागेश्वरी देवी, बस इतना सा वरदान दो।। मातृभूमि सबल रहे, देशभक्ति प्रबल रहे शब्दों में श्रृंखला रहे, प्यार भी पला रहे कर्म का आदर रहे और लेखनी को मान दो हे श्वेत वस्त्राभृता …

Read more

 मुझको जीना है-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

मुझको जीना है-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu व्यथा विष के हलाहल को मान कर मदिरा पीना है। जब तक आस की किरण रहेगी तब तक मुझको जीना है।। अभी तो हमने पर खोल है यही तो उड़ना बाक़ी है अभी तो दूर नभ के आंगन से जाकर जुड़ना बाकी है …

Read more

विश्वास मत छीनो-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

विश्वास मत छीनो-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu विश्वास मेरा मत छीनो कान्हा यह मेरे जीवन की रेखा है जब जब हृदय में साँझ ढली है सूरज को उगते देखा है विश्वास अडिग है आओगे तुम अधरों पर अमित मुस्कान लिये व्यथा का चिर मौन हरण कर हृदय में प्रीति सम्मान …

Read more

कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu  विश्वास मत छीनो-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu   मुझको जीना है-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu  बिखरे सपने-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu  कोई ऐसा कहाँ-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita …

Read more

 वसन्त -कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu

वसन्त -कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu आज वसंत है ना श्याम पीले गेंदे की पंखुड़ियों में हल्की सी सरसराहट है आज हवा में एक ख़ुशबू है, न. . . आज हवा का रंग स्वेत है वाग्देवी की अलंकारों की तरह ये, तुमसे गुज़र कर आई हैं तभी तो मुझे छूकर मेरी …

Read more

होली (१)-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

होली (१)-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu इस बार नही कपोलें फूटी न मौसम में रंगोली है जाने कैसा फागुन आया है जाने कैसी होली है ओ पलाश! क्यों रंग फीका है? क्या शहर तुझे नही भाया क्या इसी लिए मंजरी से मिलने मकरंद अभी तक नही आया? क्या धूल, धुँए, …

Read more

यादें-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

यादें-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu जाने कितनी शामें गुज़री जाने कितनी रात ढली ढलती किरणों के संग सपने किसको ढूंढे गली-गली सन्नाटों ने दस्तक दी है किन कदमों की आहट है कौन है वो जो मुझतक आया दिल को कितनी राहत है।। घर का चौखट, वो चौबारे वो आंगन, वो …

Read more

वो बोल रहा है-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

वो बोल रहा है-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu वो बोल रहा है, वो बोल रहा है सबके मन की सुनता है वो सबकी नब्ज़ टटोल रहा है। वो बोल रहा है, वो बोल रहा है।। दिल की बातें कैसे सुन ली भेद दिलों के खोल रहा है। वो बोल रहा …

Read more

होली (२)-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu 

होली (२)-कविता -स्वागता बसु -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Swagata Basu जूही, गेंदा, गुलाब, चमेली बागों में रंगोली है ढोलक की थापों पर गाती सब मस्तों की टोली है गालों पर है हाय की लाली मस्तक पर रंगोली है चलो आज गुलाल उड़ायें बुरा न मानो होली है गिरगिट से सौ रंग बदलते झूठी कसमें …

Read more