सुरेश चन्द -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suresh Chand Part 2

सुरेश चन्द -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suresh Chand Part 2 हम उन्हें अच्छे नहीं लगते इस शस्य श्यामला भारत भूमि की हर चीज उन्हें अच्छी लगती है नदी, झरने, ताल-तलैया, सब कुछ…. पीले-पीले सरसों हों या बौर से लदी अमरायी या फिर हमारे खून पसीने से लहलहाती फसल सब कुछ उन्हें बहुत भाती है …

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सुरेश चन्द -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suresh Chand Part 1

सुरेश चन्द -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suresh Chand Part 1 बेटी-एक बेटी सबसे कीमती होती है अपने माँ-बाप के लिए जब तक वह घर में होती है उसकी खिलखिलाहट पूरे घर को सँवारती रहती हैं लेकिन जैसे ही उसके पैर चौखट के बाहर निकलते हैं उसके आँसू पूरे आँगन को नम कर जाती हैं …

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