कविता-सुरेन्द्र प्रजापति -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Surendra Prajapati Part 2
कविता-सुरेन्द्र प्रजापति -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Surendra Prajapati Part 2 कोहरा जनवरी के इस कहर बरसाती ठंड में जबकि कोहरे के भयंकर धातुई जबड़े अपने पुरे वजुद के साथ जिंदगी की जंग को परास्त कर विजय गर्व से ठहाके लगा रहा है सूर्य नतमस्तक हो दुबक गया है कहीं पुरे-पुरे दिनभर के लिए और …