.. (अन्त में हमने तय किया)-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

.. (अन्त में हमने तय किया)-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil अन्त में हमने तय किया अपनी टांगें अब शरीक नहीं करेंगे हम अपनी दिनचर्या में अपने बिस्तर की सेहत के लिए प्रार्थना करेंगे चमड़े की जिल्द मे बंधी हुई अपनी मुहब्बत का मज़ा …

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स्त्री-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

स्त्री-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil मुझे पता है स्त्री– देह के अंधेरे में बिस्तर की अराजकता है । स्त्री पूंजी है बीड़ी से लेकर बिस्तर तक विज्ञापन में फैली हुई ।

पाँचवे पुरखे की कथा-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

पाँचवे पुरखे की कथा-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil उनके लिए पूजा-पाठ : केवल ढकोसला था ऎसे अहिंसक कि– उनकी बन्दूक में बया का घोंसला था ऎसे थे संयमी कि– औरत जो एक बार जांघ से उतर गई उनके लिए मर गई चतुरी चमार …

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पुरबिया सूरज-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

पुरबिया सूरज-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil पुरबिया सूरज एक लम्बी यात्रा से लौट पहाड़ी नदी में घोड़ों को धोने के बाद हाँक देता है काले जंगलों में चरने के लिए और रास्ते में देखे गए दृश्यों को घोंखता है । चांद पेड़ के …

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 सत्यभामा-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

सत्यभामा-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil सूर्योदय : घोड़े के टाप के नीचे नींद का कुचला हुआ चेहरा है और मुँह के फीके स्वाद में एक सपना तैर रहा है । अपने दाँतों के नीचे से खींचकर निकालता हूँ रात की नंगी देह जहाँ …

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 पत्नी के लिए-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

पत्नी के लिए-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-मादा कविताएँ-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil देह तो आत्मा तक जाने के लिए सुरंग है । रास्ता है । तुम्हारी उंगलियाँ जैसे कविता की गतिशील पंक्तियाँ हैं । तुम्हारी आँखें कविता की गम्भीर किन्तु कोमल कल्पना है तुम्हारा चेहरा जैसे कविता की …

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मैंने घुटने से कहा-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

मैंने घुटने से कहा-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil मैंने उसकी वरज़िश करते हुए कहा – प्यारे घुटने तुम्हें सत्तर वर्ष चलना था और तुम अभी स चोट खा गए जबकि अभी ’70 है । तुम्हें भाषा के दलिद्दर से उबरना तुम्हें और सारी कौम …

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लोकतंत्र-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

लोकतंत्र-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil वे घर की दीवारों पर नारे लिख रहे थे मैंने अपनी दीवारें जेब में रख लीं उन्होंने मेरी पीठ पर नारा लिख दिया मैंने अपनी पीठ कुर्सी को दे दी और अब पेट की बारी थी मै खूश था …

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मैमन सिंह-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

मैमन सिंह-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil आप चौके में प्याज काटती हुई बेगम के रजिया आँसू देखेंगे और चापलूसी में साबुत लौकी पर चक्कू फटकारते हुए कहेंगे ऐसे काटते हैं बहादुर नौजवान दुश्मन का सिर – ऐसे काटते हैं भौंचक पत्नी के सामने युद्ध …

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प्रस्ताव-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil

प्रस्ताव-सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र-सुदामा पांडेय धूमिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sudama Panday Dhoomil लिखो बसंत! ठीक-बस-अंत लिखो। हवा और रक्त की हरकत का रुख सूरज की तरफ़ है सूरज का रुख है तुम्हारे चेहरे की ओर ए झुकी हुई गरदन! थुक्का ज़िंदगी!! तुम्हारा चेहरा किधर है क्या सचमुच तुम्हारे गुस्से की बगल …

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