सुदामा चरित-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji
सुदामा चरित-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji कंत सिधारी मधुसूदन पै सुनियत हैं वे मीत तुम्हारे । बाल सखा अरु बिपति बिभंजन, संकट हरन मुकुंद मुरारे ॥ और जु अतुसय प्रीति देखियै, निज तन मन की प्रीति बिसारे । सरबस रीझि देत भक्तनि खौं, रंक नृपति काहूँ …