बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 3

बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 3   बादल बादल भी बड़े खिलाड़ी हैं मानो कुछ इनको नहीं काम। बस, आठ पहर, चौबिस घंटे, खेला करते हैं सुबह शाम ! इनको है नींद नहीं आती थकते भी इनके नहीं पैर, जब देखो तब बन सैलाने करते रहते हैं …

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बेला-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1

बेला-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1  बीन की झंकार कैसी बस गयी मन में हमारे बीन की झंकार कैसी बस गयी मन में हमारे । धुल गयीं आँखें जगत की, खुल गये रवि-चंद्र-तारे । शरत के पंकज सरोवर के हृदय के भाव जैसे खिल गये हैं पंक से उठकर …

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परिमल -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 3

परिमल  -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला  -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala   Part 3 जूही की कली विजन-वन-वल्लरी पर सोती थी सुहाग-भरी–स्नेह-स्वप्न-मग्न– अमल- कोमल -तनु तरुणी–जुही की कली, दृग बन्द किये, शिथिल–पत्रांक में, वासन्ती निशा थी; विरह-विधुर-प्रिया-संग छोड़ किसी दूर देश में था पवन जिसे कहते हैं मलयानिल । आयी याद बिछुड़न से मिलन की वह …

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बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1

बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी  -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi   Part 1 फूल हमेशा मुसकाता चाहे हवा बहे मतवाली फूल हमेशा मुसकाता । चाहे हवा चले लूवाली फूल हमेशा मुसकाता । बरसे प्यारी ओस मनोहर फूल हमेशा मुसकाता । चाहे ओले पड़ें शीश पर फूल हमेशा मुसकाता । काँटों की नोकों को सहकर …

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अणिमा -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 2

अणिमा -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 2   नूपुर के सुर मन्द रहे नूपुर के सुर मन्द रहे, जब न चरण स्वच्छन्द रहे। उतरी नभ से निर्मल राका, पहले जब तुमने हँस ताका बहुविध प्राणों को झंकृत कर बजे छन्द जो बन्द रहे। नयनों के ही साथ फिरे वे …

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बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2

बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2   ध्वजा-गीत हम नन्हें नन्हें बच्चे हैं, नादान उमर के कच्चे हैं, पर, अपनी धुन के सच्चे हैं, जननी की जय जय गायेंगे। भारत की ध्वजा उड़ायेंगे। अपना पथ कभी न छोड़ेंगे, अपना प्रण कभी न तोड़ेंगे, हिम्मत से नाता जोड़ेंगे, …

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अणिमा -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1

अणिमा -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1 उन चरणों में मुझे दो शरण इस जीवन को करो हे मरण। बोलूँ अल्प, न करूँ जल्पना, सत्य रहे, मिट जाय कल्पना, मोह-निशा की स्नेह-गोद पर सोये मेरा भरा जागरण। आगे-पीछे दायें-बायें जो आये थे वे हट जायें उठे सृष्टि से दृष्टि, …

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प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1

प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1 जागो बुद्धदेव भगवान कुशी नगर के भग्न भवन में कैसे सोये हो बोलो ? युग युग बीते तुम्हें जगाते अब तो प्रिय, आखें खोलो! पत्थर के कारा में बंदी तुम नीरव निस्तब्ध पड़े, एक बार जागो फिर गौतम! हो जायो अविलंब …

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कुकुरमुत्ता-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1

कुकुरमुत्ता-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Suryakant Tripathi Nirala Part 1  गर्म पकौड़ी गर्म पकौड़ी- ऐ गर्म पकौड़ी, तेल की भुनी नमक मिर्च की मिली, ऐ गर्म पकौड़ी ! मेरी जीभ जल गयी सिसकियां निकल रहीं, लार की बूंदें कितनी टपकीं, पर दाढ़ तले दबा ही रक्‍खा मैंने कंजूस ने ज्‍यों कौड़ी, पहले तूने …

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प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2

प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2 प्रसाद जी की पुण्य स्मृति में भारतीय सुसंस्कृति के गर्व औ अभिमान ! बुद्ध की सबुद्धि के कल्याण- मय आख्यान ! आर्य-गौरव के अलौकिक दिव्य उज्ज्वल गान! राष्ट्रभाषा के विधाता, श्री, सुरभि, सम्मान ! नित्य मौलिक, ऐतिहासिक, चिर- विचारक आप, भावना …

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