बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 3
बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 3 बादल बादल भी बड़े खिलाड़ी हैं मानो कुछ इनको नहीं काम। बस, आठ पहर, चौबिस घंटे, खेला करते हैं सुबह शाम ! इनको है नींद नहीं आती थकते भी इनके नहीं पैर, जब देखो तब बन सैलाने करते रहते हैं …