श्रीकृष्ण बाल-माधुरी -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji Part 12
श्रीकृष्ण बाल-माधुरी -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji Part 12 मोहन, मानि मनायौ मेरौ मोहन, मानि मनायौ मेरौ । हौं बलिहारी नंद-नँदन की, नैकु इतै हँसि हेरौ ॥ कारौ कहि-कहि तोहि खिझावत, बरज त खरौ अनेरौ । इंद्रनील मनि तैं तन सुंदर, कहा कहै बल चेरौ ॥ न्यारौ जूथ …