न्यौता और चुनौती -शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 1

न्यौता और चुनौती -शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 1 यदि मैं कहूं यदि मैं कहूं कि तुम बिन मानिनि व्यर्थ ज़िन्दगी होगी मेरी, नहीं हंसेगा चांद हमेशा बनी रहेगी घनी अंधेरी– बोलो, तुम विश्वास करोगी ? यदि मैं कहूं कि हे मायाविनि तुमने तन में प्राण भरा है, और तुम्हीं ने क्रूर …

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न्यौता और चुनौती -शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 2

न्यौता और चुनौती -शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 2 जिस ओर करो संकेत मात्र जिस ओर करो संकेत मात्र, उड़ चले विहग मेरे मन का, जिस ओर बहाओ तुम स्वामी, बह चले श्रोत इस जीवन का! तुम बने शरद के पूर्ण चांद, मैं बनी सिन्धु की लहर चपल, मैं उठी गिरी पद …

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न्यौता और चुनौती -शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 3

न्यौता और चुनौती -शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 3 उस दिन उस दिन ही प्रिय जनम-जनम की साध हो चुकी पूरी ! जिस दिन तुमने सरल स्नेह भर मेरी ओर निहारा; विहंस बहा दी तपते मरुथल में चंचल रस धारा! उस दिन ही प्रिय जनम-जनम की साध हो चुकी पूरी! जिस दिन …

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कविता-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 2

कविता-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 2 क्रान्ति के लिए जली मशाल (समूहगान) क्रान्ति के लिए जली मशाल क्रान्ति के लिए उठे क़दम ! भूख के विरुद्ध भात के लिए रात के विरुद्ध प्रात के लिए मेहनती ग़रीब जाति के लिए हम लड़ेंगे, हमने ली कसम ! छिन रही हैं आदमी की रोटियाँ …

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कविता-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 1

कविता-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 1 हर ज़ोर जुल्म की टक्कर में हर ज़ोर जुल्म की टक्कर में, हड़ताल हमारा नारा है ! तुमने माँगे ठुकराई हैं, तुमने तोड़ा है हर वादा छीनी हमसे सस्ती चीज़ें, तुम छंटनी पर हो आमादा तो अपनी भी तैयारी है, तो हमने भी ललकारा है हर …

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फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 1

फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 1 मेरा जूता है जापानी मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी मेरा जूता… निकल पड़े हैं खुली सड़क पर अपना सीना ताने – (२) मंज़िल कहाँ कहाँ रुकना है ऊपर वाला जाने – (२) बढ़ते …

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फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 10

फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 10 किसीने अपना बनाके मुझको किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया अँधेरे घर में किसीने हँसके चराग़ जैसे जला दिया किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया शरम के मारे मैं कुछ ना बोली नज़र ने पर्दा गिरा दिया मगर वो सबकुछ समझ गए हैं, …

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फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 9

फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 9 जाओ रे, जोगी तुम जाओ रे जाओ रे, जोगी तुम जाओ रे ये है प्रेमियों की नगरी यहाँ प्रेम ही है पूजा जाओ रे … प्रेम की पीड़ा सच्चा सुख है प्रेम बिना ये जीवन दुख है जाओ रे … जीवन से कैसा छुटकारा है …

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फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 8

फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 8 नन्हें-मुन्ने बच्चे ! तेरी मुट्ठी में क्या है नन्हें-मुन्ने बच्चे ! तेरी मुट्ठी में क्या है ? मुट्ठी में है तक़दीर हमारी हमने किस्मत को वश में किया है ! भोली-भाली मतवाली आँखों में क्या है ? आँखों में झूमे उम्मीदों की दीवाली आने वाली …

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फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 4

फ़िल्मी गीत-शैलेन्द्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shailendra Part 4 ओ बसंती पवन पागल ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा, रोको कोई ओ बसंती … बन के पत्थर हम पड़े थे, सूनी सूनी राह में जी उठे हम जब से तेरी, बांह आई बांह में बह उठे नैनों के काजल, ना जा …

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