शब्द राग सारंग -संत दादू दयाल जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Dadu Dayal Ji

शब्द राग सारंग -संत दादू दयाल जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Dadu Dayal Ji (गायन समय मधय दिन), 1 सूरफाख्ता ताल हो ऐसा ज्ञान धयान, गुरु बिना क्यों पावे। वार पार पार वार, दुस्तर तिर आवे हो।टेक। भवन गवन गवन भवन, मन हीं मन लावे। रवन छवन छवन रवन, सद्गुरु समझावे …

Read more