जिउ जननी सुतु जणि पालती-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

जिउ जननी सुतु जणि पालती-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji जिउ जननी सुतु जणि पालती राखै नदरि मझारि ॥ अंतरि बाहरि मुखि दे गिरासु खिनु खिनु पोचारि ॥ तिउ सतिगुरु गुरसिख राखता हरि प्रीति पिआरि ॥१॥ मेरे राम हम बारिक हरि प्रभ के है इआणे ॥ …

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 रैणि दिनसु दुइ सदे पए-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

रैणि दिनसु दुइ सदे पए-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji रैणि दिनसु दुइ सदे पए ॥ मन हरि सिमरहु अंति सदा रखि लए ॥१॥ हरि हरि चेति सदा मन मेरे ॥ सभु आलसु दूख भंजि प्रभु पाइआ गुरमति गावहु गुण प्रभ केरे ॥१॥ रहाउ ॥ मनमुख …

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कामि करोधि नगरु बहु भरिआ-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

कामि करोधि नगरु बहु भरिआ-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji कामि करोधि नगरु बहु भरिआ मिलि साधू खंडल खंडा हे ॥ पूरबि लिखत लिखे गुरु पाइआ मनि हरि लिव मंडल मंडा हे ॥१॥ करि साधू अंजुली पुंनु वडा हे ॥ करि डंडउत पुनु वडा हे ॥१॥ …

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काहे पूत झगरत हउ संगि बाप-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

काहे पूत झगरत हउ संगि बाप-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji काहे पूत झगरत हउ संगि बाप ॥ जिन के जणे बडीरे तुम हउ तिन सिउ झगरत पाप ॥१॥ रहाउ ॥ जिसु धन का तुम गरबु करत हउ सो धनु किसहि न आप ॥ खिन महि …

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चोजी मेरे गोविंदा चोजी मेरे पिआरिआ-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

चोजी मेरे गोविंदा चोजी मेरे पिआरिआ-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji चोजी मेरे गोविंदा चोजी मेरे पिआरिआ हरि प्रभु मेरा चोजी जीउ ॥ हरि आपे कान्हु उपाइदा मेरे गोविदा हरि आपे गोपी खोजी जीउ ॥ हरि आपे सभ घट भोगदा मेरे गोविंदा आपे रसीआ भोगी जीउ …

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 जपि मन राम नामु सुखु पावैगो-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

जपि मन राम नामु सुखु पावैगो-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji जपि मन राम नामु सुखु पावैगो ॥ जिउ जिउ जपै तिवै सुखु पावै सतिगुरु सेवि समावैगो ॥१॥ रहाउ ॥ भगत जनां की खिनु खिनु लोचा नामु जपत सुखु पावैगो ॥ अन रस साद गए सभ …

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अब हम चली ठाकुर पहि हारि-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

अब हम चली ठाकुर पहि हारि-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji अब हम चली ठाकुर पहि हारि ॥ जब हम सरणि प्रभू की आई राखु प्रभू भावै मारि ॥१॥ रहाउ ॥ लोकन की चतुराई उपमा ते बैसंतरि जारि ॥ कोई भला कहउ भावै बुरा कहउ हम …

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प्रभ कीजै क्रिपा निधान-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

प्रभ कीजै क्रिपा निधान-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji प्रभ कीजै क्रिपा निधान हम हरि गुन गावहगे ॥ हउ तुमरी करउ नित आस प्रभ मोहि कब गलि लावहिगे ॥१॥ रहाउ ॥ हम बारिक मुगध इआन पिता समझावहिगे ॥ सुतु खिनु खिनु भूलि बिगारि जगत पित भावहिगे …

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कब को भालै घुंघरू ताला-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

कब को भालै घुंघरू ताला-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji कब को भालै घुंघरू ताला कब को बजावै रबाबु ॥ आवत जात बार खिनु लागै हउ तब लगु समारउ नामु ॥१॥ मेरै मनि ऐसी भगति बनि आई ॥ हउ हरि बिनु खिनु पलु रहि न सकउ …

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गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji

प्रभ कीजै क्रिपा निधान-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji  जपि मन राम नामु सुखु पावैगो-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji काहे पूत झगरत हउ संगि बाप-गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru …

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