त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela

त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela   माँ-गोलेन्द्र पटेल मुसहरिन माँ-गोलेन्द्र पटेल माँ-कविता श्याम सिंह बिष्ट माँ-अनिल मिश्र प्रहरी माँ की ममता- अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ माता-पिता-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ माँ के अनगिन रूप- त्रिलोक सिंह ठकुरेला सुमेरु छंद (माँ)-शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’ और न कुछ भी चाहूँ-अभिषेक कुमार अम्बर चांद का मुँह …

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मुकरियाँ-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 1

मुकरियाँ-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 1   जब देखूं तब मन हरसाये । मन को भावों से भर जाये । चूमूँ, कभी लगाऊँ छाती । क्या सखि साजन ? ना सखि पाती।। 1 रातों में सुख से भर देता । दिन में नहीं कभी सुधि लेता । …

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मुकरियाँ-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2

मुकरियाँ-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2 मैं झूमूँ तो वह भी झूमे। जब चाहे गालों को चूमे। खुश होकर नाचूँ दे ठुमका। क्या सखि साजन ? ना सखि झुमका। 7 वह सुख की डुगडुगी बजाये। तरह तरह से मन बहलाये। होती भीड़ इकट्ठी भारी । क्या सखि …

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हाइकु-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 1

हाइकु-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 1   हाइकु 1. कोसते रहे समूची सभ्यता को बेचारे भ्रूण । 2. दौड़ाती रही आशाओं की कस्तूरी जीवन भर । 3. नयी भोर ने फडफढ़ाये पंख जागीं आशाएं । 4. प्रेम देकर उसने पिला दिए अमृत घूँट । 5. थका किसान …

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हाइकु-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2

हाइकु-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2   9. ढूँढते मोती किनारे बैठ कर सहमे लोग । 10. इन्द्रधनुष सुसज्जित गगन मोहित धरा । 11. सुबह आई कलियों ने खोल दीं बंद पलकें । 12. खोल घूँघट सहसा मुस्करायी प्रकृति वधु । 13. लुटाने लगे मतवाले भ्रमर प्रेम- …

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कविता-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 1

कविता-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 1 बिटिया (गीत) बिटिया ! जरा संभल कर जाना, लोग छिपाये रहते खंजर । गाँव, नगर अब नहीं सुरक्षित दोनों आग उगलते, कहीं कहीं तेज़ाब बरसता, नाग कहीं पर पलते, शेष नहीं अब गंध प्रेम की, भावों की माटी है बंजर । …

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कविता-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2

कविता-त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2 देश हमारा सुखद, मनोरम, सबसे प्यारा । हरा, भरा यह देश हमारा ।। नई सुबह ले सूरज आता, धरती पर सोना बरसाता, खग-कुल गीत खुशी के गाता, बहती सुख की अविरल धारा । हरा, भरा यह देश हमारा ।। बहती है …

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बाल कविताएँ -त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 4

बाल कविताएँ -त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 4 आओ, मिलकर खेलें खेल आओ, मिलकर खेलें खेल । सारे मिलकर खेलें खेल ।। मिलकर कदम बढ़ायेंगे, आगे बढ़ते जायेंगे, नहीं रुकेगी अपनी रेल । आओ, मिलकर खेलें खेल ।। चोर सिपाही खेलेंगे, सच्चे को ताकत देंगे, पर झूठे …

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बाल कविताएँ -त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 3

बाल कविताएँ -त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 3   दीवाली आयी दीवाली मनभावन भाँति भाँति घर वार सजे। जगमग जगमग हुई रोशनी कितने बंदनवार सजे॥ दादा लाए कई मिठाई, खील, बताशे भी लाए। फुलझड़ियाँ, बम, चक्र, पटाखे अम्मां ने ही मंगवाए॥ गुड़िया ने छोड़ी फुलझड़ियाँ, शेष पटाखे …

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बाल कविताएँ -त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2

बाल कविताएँ -त्रिलोक सिंह ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Trilok Singh Thakurela Part 2 तिरंगा जन-गण-मन का मान तिरंगा। हम सब की पहचान तिरंगा॥ भरता नया जोश केसरिया कहता उनकी अमिट कहानी, मातृभूमि हित तन मन दे कर अमर हो गए जो बलिदानी, वीरों का सम्मान तिरंगा। हम सब की पहचान तिरंगा॥ श्वेत …

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