कोरोना काल (मंज़र के दिन)-तनेंद्र सिंह राठौड़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Tanendra Singh Rathore
कोरोना काल (मंज़र के दिन)-तनेंद्र सिंह राठौड़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Tanendra Singh Rathore जरूर इतने दिन मजबूर था मैं अपने धंधे से दूर था मैं मगर अब फिर काम पर जाना है फिर अपनों को गले लगाना है अब वह तमाम जतन करने हैं जीने के नए प्रयत्न करने हैं …