मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry रुबाईयां-बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 3 बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 2 बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita …

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रुबाईयां-बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

रुबाईयां-बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry रुबाईयां 1 वो पल मेरी हस्ती जब बन गया दरया वो पल मेरी हस्ती जब बन गया दरया चमक उठ्ठा हर ज़र्रा होके रौशन मेरा बन के शमा जलता हूँ रहे इश्क पर मैं बस लम्हा एक बन गया सफ़रे उम्र मेरा 2 हूँ …

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बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 3

बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 3  पहाड़ पहाड़ की गूंज ख़ुद से आगाह नहीं है पहाड़ की अक़ल को रूह से राह नहीं है बेकान व बेहोश वो बस आवाज़ करता है जब तुम चुप हो गए, वो भी चुप करता है एक वो बेमकान, खुदा का नूर …

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बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 2

बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 2 दुश्वार हज़रते ईसा से पूछा किसी ने जो था हुशियार इस हस्ती में चीज़ कया है सबसे ज़्यादा दुश्वार बोले ईसा सबसे दुश्वार ग़ुस्सा ख़ुदा का है प्यारे कि जहन्नुम भी लरज़ता है उनके डर के मारे पूछा कि खुदा के इस …

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बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 1

बिखरे मोती-मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry Part 1  रूह के राज़ जब देखो कोई अपना खोल दो रूह के राज़ देखो फूल तो गाओ जैसे बुलबुल बाआवाज़ लेकिन जब देखो कोई धोखे व मक्कारी भरा लब सी लो और बना लो अपने को बन्द घड़ा वो पानी का दुश्मन है …

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 मुरली का गीत-नज्में -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

मुरली का गीत-नज्में -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry सुनो ये मुरली कैसी करती है शिकायत । हैं दूर जो पी से, उनकी करती है हिकायत ॥ काट के लाये मुझे, जिस रोज़ वन से । सुन रोए मरदोज़न, मेरे सुर के ग़म से ॥ खोजता हूँ एक सीना फुरक़त से …

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जादूगर-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

जादूगर-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry जादूगर तुम अनोखे हो निराले हो । शिकारी, शिकार को बनाने वाले हो ॥ दो देखने की आदत अपनी बहुत पुरानी । जादू चला तुम्हारा हुई आँखें ऐंची तानी ॥ पक गये हो पूरे, शहतूत से हो मीठे । अंगूर क्या अंगूरी, तेरे लिये …

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सुने कौन आलाप मेरे-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

सुने कौन आलाप मेरे-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry पनाह मेरी यार मेरे, शौक की फटकार मेरे, मालिको मौला भी हो, और हो पहरेदार मेरे । नूह तू ही रूह तू ही, कुरंग तू ही तीर तू ही, आस ओ उम्मीद तू है, ग्यान के दुआर मेरे । नूर तू …

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गुलाबी गाल तेरे-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

गुलाबी गाल तेरे-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry गुलाबी गाल तेरे जब देख पाते हैं होके खुशगवार पत्थरों में राह पाते हैं इक बार घूँघट ज़रा फिर से हटा दो दंग होने का दीवानों को मज़ा दो ताकि आलिम समझी-बूझी राह भूलें हुशियारों की अक़ल की हिल जाएँ चूलें पानी …

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 मूल के मूल में आ-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

मूल के मूल में आ-ग़ज़लें -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry कब तलक उलटा चलेगा, अब सीधे आ छोड़ कुफ़्र की राह, अब चल दीन की राह इस डंक में देख दवा, और डंक खा अपनी ख़ाहिश के मूल के मूल में आ हरचंद है तू इस मिट्टी का ही बना …

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