छाँव वही धूप वही, दुल्हिन का रूप वही-रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Roopchandra Shastri Mayank
छाँव वही धूप वही, दुल्हिन का रूप वही-रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Roopchandra Shastri Mayank छाँव वही धूप वही दुल्हिन का रूप वही उपवन मुस्काया है! नया-गीत आया है!! सुबह वही शाम वही श्याम और राम वही रबड़-छन्द भाया है! नया-गीत आया है!! बिम्ब नये व्यथा वही पात्र नये कथा वही माथा …