ज़िन्दगी ने जो दिया-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya 

ज़िन्दगी ने जो दिया-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya इस तरह आइना गर्दिश की नज़र करते रहे… ज़िन्दगी ने जो दिया हँस के गुज़र करते रहे। हर शजर देता रहा धोखा हमें इक छाँव का… और हम सहराओं का तपता सफ़र करते रहे।

जा न सके-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya 

जा न सके-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya दरिया की कश्ती थे जो सागर तक जा न सके तुमसे मिलना मुक़द्दर था और बिछड़ना क़िस्मत इसलिए शिक़ायत कभी होंठों तक ला न सके ।।

ज़िन्दगी है हज़ार ग़म का नाम-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya 

ज़िन्दगी है हज़ार ग़म का नाम-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya जब्र को इख़्तियार कौन करे तुम से ज़ालिम को प्यार कौन करे ज़िंदगी है हज़ार ग़म का नाम इस समुंदर को पार कौन करे आप का वादा आप का दीदार हश्र तक इंतिज़ार कौन करे अपना दिल अपनी जान का दुश्मन …

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गले लगा लो दो घड़ी के लिए-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya 

गले लगा लो दो घड़ी के लिए-रिशु प्रिया -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rishu Priya सोने चाँदी की थाली जरूरी नहीं दिल का दीपक बहुत है आरती के लिए ऊब जाएं ज्यादा न हम कहीं खुशी से ग़म भी जरूरी है ज़िन्दगी के लिए तुम हवा को पकड़ना छोड़ दो वक्त रुकता नहीं किसी के …

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