युद्ध का आखिरी दिन नहीं होता-गुरभजन गिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gurbhajan Gill
युद्ध का आखिरी दिन नहीं होता-गुरभजन गिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gurbhajan Gill दशहरा युद्ध का आखिरी दिन नहीं दसवां दिन होता है। युद्ध तो जारी रखना पड़ता। सबसे पहले अपने ख़िलाफ़ जिसमें सदियों से रावण डेरा डाले बैठा है। तृष्णा का स्वर्णमृग छोड़ देता है रोज़ सवेरे हमें छलावे में …