मंदिर दियना बार-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

मंदिर दियना बार-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman मंदिर दियना बार सखी री मंदिर दियना बार! बिनु प्रकाश घट घट सूनापन सूझे कहीं न द्वार! कौन गहे गलबहियाँ सजनी कौन बँटाए पीर कब तक ढोऊँ अधजल घट यह रह-रह छलके नीर झंझा अमित अपार सखी री आँचल ओट सम्हार चक्रों …

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दिया-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

दिया-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman दिया दिया दिया मुठ्ठी भर माटी, चुटकी भर स्नेह जगमग जग किया। दिया और बाती स्नेह रंग राँची औ’ मन उजास पाती गई रात बाँची। चौक-चौक चंदन स्वस्तिक और दिया, कलाई में कलावा हर्ष-हर्ष हिया। सोने के कंगन माटी का दिया, द्वारे पर तोरण …

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 आओ मिल कर दीप जलाएँ-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

आओ मिल कर दीप जलाएँ-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman आओ मिल कर दीप जलाएँ जगती के सूने सीने में नई उमंग जगाएँ मंदिर में दीपक बाला हो, अंजुरी में महकी माला हो धूप सुगंधित हर आला हो, गोधूली की मंगल वेला दीपावली सजाएँ थाली भर हों खील बताशे, अतिशबाजी …

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एक दीप मेरा-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

एक दीप मेरा-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman दुनिया के मेले में एक दीप मेरा ढेर से धुँधलके में ढूँढता सवेरा वंदन अभिनंदन में खोया उजियारा उत्सव के मंडप में आभिजात्य सारा भरा रहा शहर रौशनी से हमारा मन में पर छिपा रहा जूना अँधियारा जिसने अँधियारे का साफ़ किया …

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 एक दीपक-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

एक दीपक-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman जूझ कर कठिनाइयों से कर सुलह परछाइयों से एक दीपक रातभर जलता रहा लाख बारिश आँधियों ने सत्य तोड़े वक्त ने कितने दिए पटके झिंझोड़े रौशनी की आस पर टूटी नहीं आस्था की डोर भी छूटी नहीं आत्मा में डूब कर के चेतना …

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माया में मन-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

माया में मन-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman दिन भर गठरी कौन रखाए माया में मन कौन रमाए दुनिया ये आनी जानी है ज्ञानी कहते हैं फ़ानी है चलाचली का- खेला है तो जग में डेरा कौन बनाए माया में मन कौन रमाए कुछ न जोड़े संत फ़कीरा बेघर फिरती …

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तितलियों के दल-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

तितलियों के दल-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman ग्रीष्म का आतप बहकती तितलियों के दल दोपहर की गुनगुनाहट रहट की आहट पी रहे एकांत में यह ग्राम्य कोलाहल बहकती तितलियों के दल एक टुकड़ा धूप पर चमका सुबह का नाम डाल पंखुरी फूल पर लिखता हुआ पैगाम हवा का अनुमान …

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 ताड़ों की क्या बात -कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

ताड़ों की क्या बात -कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman   हाथ ऊपर को उठाए माँगते सौगात निश्चल, ताड़ों की क्या बात! गहन ध्यान में लीन हवा में धीरे-धीरे हिलते लंबे लंबे रेशे बिलकुल जटा जूट से मिलते निपट पुराना वल्कल पहने संत पुरातन कोई न गहने नभ तक ऊपर उठे …

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 चोंच में आकाश-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

चोंच में आकाश-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman एक पाखी चोंच में आकाश लेकर उड़ रहा है एक राजा प्रेम का इक रूपरानी झूलती सावन की पेंगों-सी कहानी और रिमझिम खोल सिमसिम मन कहीं सपनों सरीखा जुड़ रहा है एक पाखी पंख में उल्लास लेकर उड़ रहा है जो व्यथा …

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खोया खोया मन-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman

खोया खोया मन-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman जीवन की आपाधापी में खोया खोया मन लगता है बड़ा अकेलापन लगता है दौड़ बड़ी है समय बहुत कम हार जीत के सारे मौसम कहाँ ढूंढ पाएँगे उसको जिसमें – अपनापन लगता है चैन कहाँ अब नींद कहाँ है बेचैनी की यह …

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