सूरज का गोला-बाल कविता-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra
सूरज का गोला-बाल कविता-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra सूरज का गोला, इसके पहले ही कि निकलता, चुपके से बोला,हमसे – तुमसे इससे – उससे कितनी चीजों से, चिडियों से पत्तों से , फूलो – फल से, बीजों से- “मेरे साथ – साथ सब निकलो घने अंधेरे से कब जागोगे,अगर …