प्रणय पत्रिका -हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 2
प्रणय पत्रिका -हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 2 राग उतर फिर-फिर जाता है, बीन चढ़ी ही रह जाती है (१) राग उतर फिर-फिर जाता है, बीन चढ़ी ही रह जाती है| बीत गया युग एक तुम्हारे मंदिर की डयोढ़ी पर गाते, पर अंतर के तार बहुत-से, शब्द नहीं …