प्रणय पत्रिका -हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 2

प्रणय पत्रिका -हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 2 राग उतर फिर-फिर जाता है, बीन चढ़ी ही रह जाती है (१) राग उतर फिर-फिर जाता है, बीन चढ़ी ही रह जाती है| बीत गया युग एक तुम्हारे मंदिर की डयोढ़ी पर गाते, पर अंतर के तार बहुत-से, शब्द नहीं …

Read more

प्रणय पत्रिका -हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 1

प्रणय पत्रिका -हरिवंशराय बच्चन  -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By  Harivansh Rai Bachchan  Part 1 क्या गाऊँ जो मैं तेरे मन को भा जाऊँ (१) क्या गाऊँ जो मैं तेरे मन को भा जाऊँ। प्राची के वातायन पर चढ़ प्रात किरन ने गाया, लहर-लहर ने ली अँगड़ाई बंद कमल खिल आया, मेरी मुस्कानों से मेरा …

Read more