कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3   पुनर्जन्म कल रात बारिश हो रही थी कमरे की खिड़की खुली रख वह आदमी एकाकी अँधेरे में बारिश देख रहा था। सामने बगीचे के पेड़-पौधे घनघोर बारिश में भीगे खड़े काँप रहे थे रह-रहकर बेसब्र बिजली की चमक में दिख …

Read more

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2 कविता, फिर एक बार किसी को कभी बचा नहीं पायी कविता बारूद से, विस्फोट से भाले की नोक से, बन्दूक से अग्नि से, असूया से पत्थर से, पश्चात्ताप से शेर के मुँह से या सामूहिक हिंसा से । जानता हूँ शब्दों …

Read more

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4

कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4 शरद् साफ कर रहा है शरद् युद्धक्षेत्र का मटमैला पानी समाप्त हो गया है युद्ध समाप्त हो गया है मन्त्रपाठ हो चुका है महिषासुर-वध देवी की मर्त्य देह, मिट्टी-पुआल का ढाँचा पड़ा है नदी-किनारे धूप में शान्ति-समझौते के स्वर मँडरा रहे …

Read more

सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra

सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4 कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1 कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2 कविता संग्रह-तीस कविता वर्ष-सीताकांत …

Read more

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2   घासफूल वे जिद्द पर अड़ गए निश्चित ही यह झूठी कहानी यह खबर प्रकाशित नहीं हुई किसी भी अखबार में कैसे घट सकती है ऐसी अघट्य घटना ? फूल कभी खिल सकते हैं बिन सभा, तालियों की गड़गड़ाहट, उदघाटन पत्रकार-सम्मेलन और संवाद-संबोधन के …

Read more

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 3 नियमगिरि, खाम्बसी गाँव की चौरासी वर्षीय बूढ़ी की अनकही कहानी 1. ये जितने लंबे- लंबे पेड़ ये जितने लंबे- लंबे पेड़ ये जंगल , ये पहाड़ सात पुश्तों से, अति पवित्र ! देखने मात्र से घट जाती है भूख उधर बंगा है बुरूबंगा साथ …

Read more

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 4 ओड़िशा इस नौ- तेईस छपरीले घर की चौखट को पारकर जहाँ भी जाता हूँ , दिल्ली, टोक्यो या लेनिनग्राड किसी काम से, किसी कवि- सम्मलेन में , किसी चेरी-फूलों के उद्यान में या नेवा नदी के तट पर अपने साथ ले जाता हूँ घर …

Read more

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1

कविता-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1 समय का शेष नाम कई बार गोधूलि वेला की लालिमा में अकेले बैठकर मैं तुम्हारी कहानी सुनाता हूँ पतले तने के चंपा पेड़ को हँसते हुए मोगरे के फूल को निशब्द में उड़ती चिड़िया को अच्छे बच्चे की तरह पंख समेटे बैठी तितली को …

Read more

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 1   देखो, मुझे ग़लत न समझना धूप गयी अब तारे निकले, फिर भी मैं बैठा रहा उस सुनसान अधडूबी अधटूटी नाव की मुंडेर पर । जैसे मैं खुद हूँ साँझ उसकी उदास शून्यता, उसका अकेलापन राह-दिशा-हीन एक रास्ता चारों ओर …

Read more

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2

कविता संग्रह-लौट आने का समय-सीताकांत महापात्र -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sitakant Mahapatra Part 2 पदाधिकारी सारी स्मृतियाँ क्षोभ और अनुरक्ति समस्त पराजय विस्मृति और क्षति बिना दुविधा और तर्क के स्वीकार लेता है वह आदमी सिर झुकाये सह जाता है सारे निर्णय। हवा रहित कोठरी में स्थिर दीपशिखा-सा दाँय-दाँय जलता है डावाँडोल काग़ज़ का …

Read more