ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2

ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2 घनी उदासी अपने पास घनी उदासी अपने पास बुझी नहीं अधरों की प्यास। भले न ये दर्दालंकार मत दे घावों के अनुप्रास। अपनों से ये कैसी लाज? तेरे मेरे रिश्ते खास। इधर चुभन टीसों का दौर क्या मन रहता उधर उदास? मन मेरा तुझसे …

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गीतिका छंद-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 1

गीतिका छंद-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 1 सादगी पै, दिल्लगी पै, इक कली पै, मर मिटे सादगी पै, दिल्लगी पै, इक कली पै, मर मिटे दोस्ती की रोशनी पै, हम खुशी पै, मर मिटे। फूल-सा अनुकूल मौसम और हमदम ला इधर प्यार की इकरार की हम चाँदनी पै मर मिटे। …

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गीतिका छंद-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2

गीतिका छंद-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2 आप हैं जो साथ मेरे ज़िन्दगी-सी रोज है आप हैं जो साथ मेरे ज़िन्दगी-सी रोज है ज़िन्दगी में रागिनी-सी, बाँसुरी-सी रोज है। हास भी है, रास भी है, साथ भी है आपका दीप जैसी, खूब कैसी लौ जली-सी रोज है। कौन जाये छोड़ …

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कहमुकरी संरचना-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 1

कहमुकरी संरचना-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 1 पहले मोकूँ चूम ललाम, फिर लोटत डोल्यौ वो पाम पहले मोकूँ चूम ललाम, फिर लोटत डोल्यौ वो पाम गिरौ पेड़ से सुन सखि फूल, चल झूठी पति होंगे शाम। चमकी चपला नभ के बीच, तुरत गयी मैं आँखें मींच ली मैंने झट बल्ली …

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कहमुकरी संरचना-ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2

कहमुकरी संरचना, ग़ज़लें -रमेशराज -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rameshraj Ghazals Part 2 प्यारा उसे लगे अँधियार, रात-रात भर करे पुकार प्यारा उसे लगे अँधियार, रात-रात भर करे पुकार मत करना सखि री संदेह, पिया नहीं, संकेत सियार। घायल है तन, मन बेचैन, घाव रिसें औ’ बहते नैन झेल न पाऊँ उसका वार, क्या सखि सैंया, …

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