कुत्ते-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz
कुत्ते-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते कि बख़शा गया जिनको ज़ौके-गदाई ज़माने की फिटकार सरमाया इनका जहां-भर की धुतकार इनकी कमाई न आराम शब को, न राहत सवेरे ग़लाज़त में घर, नालियों में बसेरे जो बिगड़ें तो इक दूसरे से लड़ा …