आदमी नामा-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
आदमी नामा-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi दुनिया में पादशह है सो है वह भी आदमी और मुफ़्लिसो-गदा है सो है वह भी आदमी ज़रदार, बे-नवा है सो है वह भी आदमी नेअमत जो खा रहा है सो है वह भी आदमी टुकड़े चबा रहा है सो है …