श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 3
श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 3 हुकमु न जाणै बहुता रोवै हुकमु न जाणै बहुता रोवै ॥ अंदरि धोखा नीद न सोवै ॥ जे धन खसमै चलै रजाई ॥ दरि घरि सोभा महलि बुलाई ॥ नानक करमी इह मति पाई ॥ गुर परसादी सचि समाई …