श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 3

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 3  हुकमु न जाणै बहुता रोवै हुकमु न जाणै बहुता रोवै ॥ अंदरि धोखा नीद न सोवै ॥ जे धन खसमै चलै रजाई ॥ दरि घरि सोभा महलि बुलाई ॥ नानक करमी इह मति पाई ॥ गुर परसादी सचि समाई …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 1

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 1  रागा विचि स्रीरागु है रागा विचि स्रीरागु है जे सचि धरे पिआरु ॥ सदा हरि सचु मनि वसै निहचल मति अपारु ॥ रतनु अमोलकु पाइआ गुर का सबदु बीचारु ॥ जिहवा सची मनु सचा सचा सरीर अकारु ॥ नानक …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 2

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 2  गुरि पूरै हरि नामु दिड़ाइआ गुरि पूरै हरि नामु दिड़ाइआ तिनि विचहु भरमु चुकाइआ ॥ राम नामु हरि कीरति गाई करि चानणु मगु दिखाइआ ॥ हउमै मारि एक लिव लागी अंतरि नामु वसाइआ ॥ गुरमती जमु जोहि न साकै …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 4

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 4  वेस करे कुरूपि कुलखणी वेस करे कुरूपि कुलखणी मनि खोटै कूड़िआरि ॥ पिर कै भाणै ना चलै हुकमु करे गावारि ॥ गुर कै भाणै जो चलै सभि दुख निवारणहारि ॥ लिखिआ मेटि न सकीऐ जो धुरि लिखिआ करतारि ॥ …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 5

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 5  जीउ पिंडु सभु तिस का जीउ पिंडु सभु तिस का सभसै देइ अधारु ॥ नानक गुरमुखि सेवीऐ सदा सदा दातारु ॥ हउ बलिहारी तिन कउ जिनि धिआइआ हरि निरंकारु ॥ ओना के मुख सद उजले ओना नो सभु जगतु …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 6

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 6  मनमुखु अहंकारी महलु न जाणै मनमुखु अहंकारी महलु न जाणै खिनु आगै खिनु पीछै ॥ सदा बुलाईऐ महलि न आवै किउ करि दरगह सीझै ॥ सतिगुर का महलु विरला जाणै सदा रहै कर जोड़ि ॥ आपणी क्रिपा करे हरि …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 7

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 7 साहिबु मेरा सदा है साहिबु मेरा सदा है दिसै सबदु कमाइ ॥ ओहु अउहाणी कदे नाहि ना आवै ना जाइ ॥ सदा सदा सो सेवीऐ जो सभ महि रहै समाइ ॥ अवरु दूजा किउ सेवीऐ जमै तै मरि जाइ …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 8

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji 8  रैणि सबाई जलि मुई रैणि सबाई जलि मुई कंत न लाइओ भाउ ॥ नानक सुखि वसनि सोहागणी जिन्ह पिआरा पुरखु हरि राउ ॥2॥510॥  काइआ हंस किआ प्रीति है काइआ हंस किआ प्रीति है जि पइआ ही छडि जाइ ॥ …

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श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji

श्लोक-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji अनदु सुणहु वडभागीहो-शब्द-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji ए स्रवणहु मेरिहो-शब्द-गुरू अमर दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Amar Das Ji ए नेत्रहु मेरिहो-शब्द-गुरू अमर दास जी-Hindi …

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