कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 9

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 9 थकना कैसा, रुकना कैसा थकना कैसा, रुकना कैसा जब पथ भरा हो शूल से रोके जब ये हवाए तुम्हारा पथ मन हर्दय जब तुम्हारा हो जाये ब्याकुल कदम होने लगे जब तुम्हारे पथ विपरीत सुनाई देने लगे जब तुम्हें यहाँ चीखना, …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 8

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 8 मैं और मेरा यह पहाड़ मैं और मेरा यह पहाड़ पर्वतों से पिघलता हुआ यह बर्फ कहीं पर हिम वाली चोटी कहीं पर गंगा को छूता हुआ हरिद्वार गांव -गांव हैं सुशोभित,यहां हरियाली से यह कोहरे से लिपटे हुए घने जंगल …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 7

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 7 नव-वर्ष, कुछ यूं मनाएं आओ नव-वर्ष, कुछ यूं मनाएं, अंधेरी राहों में, एक उज्वलित, दीपक जलाए, पनप चुकी यह, जो मन के भीतर, अज्ञान की विचारधाराएं, इन पर अपना, ज्ञान रूपी विराम लगाएं, आओ नव-वर्ष, कुछ यूं मनाएं, कौन छोटा, कौन …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 6

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 6 ऐ पहाड़ – मैन तुझे दिया ही क्या ऐ पहाड़ – मैंने तुझे दिया ही क्या ? वह पलायन का दर्द हरे भरे खेतों की वह अब बंजर भूमि वह बूढ़ी आंखों में जागती एक आशा मैंने ही तो किया वीरान …

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हाइकु-कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part

हाइकु-कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part   हाइकु 1- दिल रोता है जैसे बन बादल क्या वो आएंगे 2- खिलते फूल वन, उपवनों में ह्रदय खुश 3- प्रेमी युगल गाए प्रेम का गीत जग से बैर 4- आए त्योहार खुशियों की बहार जि बेकरार 5- यह डगर नहीं …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 5

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 5 तेरा यह शहर इन शहरों के, रात के अंधेरों में डरा, डरा, सा सहमा रहता हूं दिन के इन उजालों में अनगिनत इन भीड़ों के घेरों में घिरा रहता हूं रोज स्वपन बुनता हूं अपनी ही धुन में रहता हूं राते …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 4

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 4 खुशियों का घर खुशियों का घर इस शहर मैं – मैं बनाऊँ कैसे खुद को महसूस करता हूं एक अपराधी जैसा नेकी का जब मैने कमाया ही नहीं नेकी कर मैंने जब दरिया मैं डाला ही नही छोड़ आया जब मैं …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 3

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 3 जिंदगी धूप-छांव भरी यह जिंदगी रचती नित्य दिन यह खेल निराले कोई बेबस खुद से ही किन्ही के हाथों में रोज मधु भरे प्याले चल रहे हैं जी रहे हैं इंसान यहां खुद से ही लड़कर कोई खुश अपनों की ही …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 2

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 2 सावन आया है आओ खुशी से नाचे गाये क्योंकि फिर सावन आया है धो लो अपने सब मन के वहम क्योंकि फिर सावन आया है लेकर प्रीत संग बादल की फिर यह बरसने आया है नाचो गाओ – क्योंकि फिर सावन …

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कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 1

कविता -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 1 अजब लिखते हो अजब लिखते हो गजब लिखते हो आँसुओ को तुम मेरे दरिया का पानी लिखते हो तेरी मेरी उस — शाम, की पहली मुलाकात को जीवन से जुड़ी – तुम एक, नई कहानी लिखते हो अजब लिखते —- नाचूँ …

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