विसालेयार (दोस्त से मुलाकात)-1-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
विसालेयार (दोस्त से मुलाकात)-1-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi नज़र आया मुझे एक शोख़ ऐसा नाज़नीं चंचल। कि जिसकी देखकर सजधज मेरा दिल हो गया बेकल॥ अदा भी चुलबुली और आन में भी कुछ अजीब छलबल। फसूँगर अँखड़िया ज़ालिम कि और जिस पर लगा काजल॥ कभी नज़रें लड़ावे और कभी …