शैलसुता छंद (जीवन पथ)-शुचिता अग्रवाल शुचिसंदीप -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suchita Agarwal Suchisandeep
शैलसुता छंद (जीवन पथ)-शुचिता अग्रवाल शुचिसंदीप -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suchita Agarwal Suchisandeep लगन लगी पथ जीवन का परिवर्तित मैं करके निखरूँ। इस पथ के सब संकट को लख जीवन में न कभी बिखरूँ।। अपयश, क्रोध, गुमान, अनादर, लालच, आलस छोड़ सकूँ। सुख रस धार जहाँ बहती उस ओर सभी पथ मोड़ सकूँ।। …