शेर -बिस्मिल अज़ीमाबादी-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bismil Azimabadi 1
शेर -बिस्मिल अज़ीमाबादी-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bismil Azimabadi 1 अल्लाह तेरे हाथ है अब आबरू-ए-शौक़ दम घुट रहा है वक़्त की रफ़्तार देख कर ========== ‘बिस्मिल’ बुतों का इश्क़ मुबारक तुम्हें मगर इतने निडर न हो कि ख़ुदा का भी डर न हो ========== दास्ताँ पूरी न होने पाई ज़िंदगी ख़त्म हुई जाती है …