ना’त ह० मुहम्मदरसूलुल्लाह- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
ना’त ह० मुहम्मदरसूलुल्लाह- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi तुम शहे दुनियाओ दीं हो या मुहम्मद मुस्तफ़ा। सर गिरोहे मुसलमीं हो या मुहम्मद मुस्तफ़ा। हाकिमे दीने मतीं हो या मुहम्मद मुस्तफ़ा। क़िब्लऐ अहले यक़ीं हो या मुहम्मद मुस्तफ़ा। रहमतुल लिल आलमी हो या मुहम्मद मुस्तफ़ा॥1॥ आस्मां तुमने शबे मैराज …