शुक्र है ख़ैरियत से हूँ साहब-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar
शुक्र है ख़ैरियत से हूँ साहब-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar शुक्र है ख़ैरियत से हूँ साहब आपसे और क्या कहूँ साहब अब समझने लगा हूँ सूदो-ज़िंयाँ अब कहाँ मुझमें वो जुनूँ साहब ज़िल्लते-ज़ीस्त या शिकस्ते-ज़मीर ये सहूँ मैं कि वो सहूँ साहब हम तुम्हें याद करते, रो लेते …